स्टार्टअप उत्तराखंड योजना

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द्वारा प्रस्तुत shahrukh on Tue, 04/06/2024 - 14:32
उत्तराखण्ड CM
Scheme Open
हाइलाइट

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ग्राहक देखभाल फ़ोन नंबर

1800-274-8901

उत्तराखंड में उद्यमिता की भावना को पोषित कर एक पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देकर, राज्य को देश में स्टार्टअप के लिए सबसे
उपयुक्त राज्यों की श्रेणी में शामिल करने के उद्देश्य से यह योजना शुरू की गयी है।

संपर्क विवरण :-

कॉल करे:- 1800-274-8901

समय :-(सोमवार - शनिवार, सुबह 10:00 बजे से शाम 5:00 तक )

पता :-इंडस्ट्रियल एरिया पटेल नगर देहरादून उत्तराखंड 248001

ईमेल:- startupcelluk@gmail.com

संपर्क फॉर्म

महतवपूर्ण लिंक:-

  1. शिकायत के लिए
  2. नियमितता का मुद्दा
  3. शिकायत व नियमितता स्टेटस

ध्यान देने योग्य क्षेत्र :-

  1. यात्रा और पोषण
  2. खाद्य प्रसंस्करण और कृषि (बागवानी शामिल)
  3. आयुष
  4. शिक्षा
  5. स्वास्थ्य सेवा
  6. जैव प्रौद्योगिकी
  7. फार्मास्यूटिकल्स

ऊपर सूचीबद्ध क्षेत्रों के अलावा, समय-समय पर स्टार्टअप परिषद द्वारा अनुमोदित अन्य क्षेत्र भी इस नीति के तहत पात्र होंगे।

स्टार्टअप मान्यता प्राप्त करने के लिए शर्तें:-

  1. उत्तराखंड में स्टार्टअप के रूप में मान्यता प्राप्त करने के लिए इच्छुक कोई भी इकाई नीचे उल्लिखित शर्तों को पूरा करेगी:-
    • स्टार्टअप एक निजी लिमिटेड कंपनी के रूप में निगमित इकाई होना चाहिए (कंपनी अधिनियम 2013 के अनुसार)
      या एक साझेदारी फर्म के रूप में पंजीकृत (पार्टनरशिप अधिनियम, 1932 के तहत) या एक सीमित देयता भागीदारी
      सीमित देयता भागीदारी एक्ट, 2008 के तहत
    • स्टार्टअप को उत्तराखंड में निगमित या पंजीकृत किया गया हो अथवा कम से कम 50% कर्मचारी
      उत्तराखंड से नियुक्त हो जिसमे अनुबंध (contract) पर नियुक्त कर्मचारी को सम्मलित नहीं किया जायेगा।
    • एक इकाई को स्टार्टअप उसकी निगमीकरण या पंजीकरण तिथि से 7 वर्ष तक माना जायेगा
      जबकि यह अवधि जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र ( Biotech Sector) के लिए 10 वर्ष होगी।
    • निगमीकरण या पंजीकरण के बाद से किसी वित्तीय वर्ष में उसका कारोबार रु० 25 करोड़ से अधिक नहीं होना चाहिए।
    • ऐसी इकाई को मौजूदा पारिवारिक व्यवसाय का विस्तार नहीं होना चाहिए या पहले से मौजूद किसी व्यवसाय के
      विभाजन या पुनर्निर्माण द्वारा गठित नहीं होना चाहिए।
    • स्टार्टअप को मौजूदा उत्पादों सेवाओं और प्रक्रियाओं के नवाचार / सुधार की दिशा में काम करना चाहिए और
      रोजगार / धन सृजन उत्पन्न करने की क्षमता होनी चाहिए।
  2. कोई भी इकाई जिसे पदोन्नति के लिए उद्योग और आंतरिक व्यापार विभाग (DPIIT) द्वारा स्टार्टअप के रूप में मान्यता दी गई है,
    उस स्टार्टअप को स्टार्टअप उत्तराखंड के तहत मान्यता प्राप्त करने के लिए नीचे दिए गयी शर्त को पूरा करना होगा।
    • स्टार्टअप को उत्तराखंड में निगमित या पंजीकृत किया गया हो अथवा कम से कम 50% कर्मचारी
      उत्तराखंड से नियुक्त हो जिसमे अनुबंध (contract) पर नियुक्त कर्मचारी को सम्मलित नहीं किया जायेगा।

वित्तीय सहायता:-

  1. मासिक भत्ता:- स्टार्टअप परिषद द्वारा एप्रूव्ड होने पर, सामान्य श्रेणी के स्टार्टअप के लिए 10,000/- रुपये प्रति माह मासिक भत्ते के लिए पात्र हो जाते हैं
    जबकि SC / ST / महिला / शारीरिक रूप से चुनौतीपूर्ण द्वारा संचालित स्टार्टअप या वह स्टार्टअप जो उत्तराखंड एमएसएमई नीति 2015
    के ए जिले के अंतर्गत आता है के मामले में मासिक भत्ता बढ़ाकर रु० 15,000/- प्रति माह होगा। यह मासिक भत्ता
    अधिकतम एक वर्ष तक ही दिया जायेगा।
  2. विपणन/प्रचार प्रसार के लिए सहायत्ता:- मान्यता प्राप्त स्टार्टअप को विपणन / प्रचार प्रसार के लिए 5 लाख रूपये तक की सहायता दी जाएगी यदि स्टार्टअप SC / ST / महिला / शारीरिक रूप
    से चुनौतीपूर्ण द्वारा संचालित है या वह स्टार्टअप है जो उत्तराखंड एमएसएमई नीति 2015 के ए जिले के अंतर्गत आता है तो विपणन सहयता की राशि बढाकर
    7.5 लाख रूपये तक कर दी जाएगी।
  3. प्रतिपूर्ति:-
    • पेटेंट:-स्टैन-अप्स पेटेंट फीस की वास्तविक लागत (फीस दाखिल करने सहित। अटॉर्नी पे, रिसर्च फीस, रखरखाव शुल्क) के 100% तक की प्रतिपूर्ति के लिए पात्र होंगे।
      भारतीय पेटेंट के लिए 1 लाख रुपये तक और अंतरराष्ट्रीय पेटेंट के लिए 10 लाख तक की प्रतिपूर्ति देय होगी। प्रतिपूर्ति का 75% आवेदन दाखिल करने के
      समय और अभियोजन के समय 25% प्रतिपूर्ति देय होगा।
    • स्टाम्प शुल्क:- स्टार्टअप काउंसिल द्वारा जिन स्टार्टअप्स को मान्यता दी गई है, उन्हें MSME नीति 2015 में परिभाषित श्रेणियों के अनुसार लीज डीड / स्पेस / भूमि की खरीद पर स्टांप ड्यूटी
      पर छूट दी जाएगी।
    • राज्य माल और सेवा कर:- राज्य के भीतर स्टार्ट-अप मान्यता प्राप्त फर्म / उद्योग द्वारा उपभोग (बी 2 सी ) के लिए की गयी सामग्री की आपूर्ति पर देय जीएसटी की लागु
      आईटीसी के समायोजन के बाद उत्तरांचलस्टेट द्वारा बजट से प्रतिपूर्ति की जाएगी।
  4. आधारित सहायता:- स्टार्टअप परिषद द्वारा मान्यता प्राप्त स्टार्टअप को नए उत्पाद विकास / मौजूदा उत्पाद सुधार के लिए अभिनव प्रक्रिया के लिए आवश्यक
    कच्चे माल / घटकों और अन्य संबंधित उपकरणों की लागत के लिए 5 लाख रुपये तक दिए जाएंगे, हालाँकि, यह सहायता केवल उस स्थिति में प्रदान की
    जाएगी जहां नवाचार विशिष्ट कच्चे माल / उपकरणों पर निर्भर है और स्टार्टअप परिषद द्वारा अनुमोदन के अधीन है।
  5. अन्य सहायता :-राज्य सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली विभिन्न सेवाओं जैसे निरीक्षण से छूट, करों से छूट और स्व-प्रमाणन आदि को लागू करने
    के लिए राज्य सरकार आवश्यक कदम उठाएगी।

रजिस्ट्रशन करने के लिए दिशा निर्देश:-

  1. पोर्टल पर जाएँ:- कोई भी व्यक्ति जिसके पास एक अभिनव परियोजना / विचार है और वह अपना स्टार्टअप स्थापित करना चाहता है उसे उत्तराखंड स्टार्टअप
    पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन पंजीकरण करना होता है पंजीकरण करने के लिए विजिट करें। https://startuputtarakhand.com/Log In Page
  2. यूजर आईडी बनाये :-
    • पंजीकरण प्रक्रिया शुरू करने के लिए स्टार्टअप के पास एक वैध ई-मेल आईडी, मोबाइल नंबर और एक कानूनी इकाई होनी चाहिए
      जैसा कि परिभाषित है उत्तराखंड स्टार्टअप नीति में।
    • स्टार्टअप को मूल विवरण जैसे इकाई का नाम, संस्थापक का नाम भरना चाहिए,आईडी बनाने के लिए उपयोगकर्ता नाम और पासवर्ड
      का चयन करना होगा।                                                                                                                                                                                                                                    Log In Page
  3. स्टार्टअप्स का विवरण भरना और आवश्यक दस्तावेज अपलोड करना:-
    • खाता बनाने के बाद, स्टार्टअप को निम्नलिखित जानकारी के लिए एक मानक फॉर्म भरने के लिए कहा जाता है :-
    • संस्था का पंजीकरण विवरण (इकाई की प्रकृति, उद्योग, क्षेत्र, श्रेणी, पंजीकरण का नंबर, इकाई का नाम।
      निगमन की तारीख, पैन नंबर (निगमन प्रमाणपत्र को अपलोड करना)
    • DPIIT मान्यता का प्रमाण पत्र संख्या (यदि लागू हो)
    • इकाई का पता।
    • संस्थापकों, सह-संस्थापकों और कर्मचारियों की संख्या।
    • स्टार्टअप का चरण (विचार, मान्यता, प्रारंभिक कर्षण, स्केलिंग।
    • स्टार्टअप्स का आईपी एसेट्स।
    • नवाचार, व्यापार मॉडल के बारे में विवरण।
    • इकाई द्वारा प्राप्त कोई भी पुरस्कार / मान्यता।
    • स्टार्टअप किस समस्या को हल कर रहा है?
    • स्टार्टअप इस समस्या को हल करने का प्रस्ताव कैसे करता है?
    • समाधान की विशिष्टता क्या है?
    • स्टार्टअप का राजस्व मॉडल क्या है?
    • पिच डेक अपलोड करें।
    • घोषणा करना।                                                                                             Fiiling Details
  4. नोडल एजेंसी का चयन और आवेदन जमा करना:-एक बार आवेदन पत्र सभी आवश्यक सूचनाओं से भर जाने के बाद, स्टार्टअप आवेदन को आगे की कार्रवाई के लिए वांछित नोडल एजेंसी का चयन करने के बाद जमा कर सकता है।   Selecting Nodal Agency
  5. नोडल एजेंसी द्वारा आवेदन की जांच और इसकी सिफारिश को अग्रेषित करना:- स्टार्टअप द्वारा प्रस्तुत आवेदन और दस्तावेजों की जांच के बाद नोडल एजेंसी टास्क फोर्स को सिफारिश दे सकती हे।                                                     nodal agency work
  6. स्टार्टअप द्वारा एप्लिकेशन को ट्रैक करना:- स्टार्टअप अपने खाते में लॉग इन करके अपने आवेदन की स्थिति को ट्रैक कर सकते हैं।Tracking application
  7. स्टार्टअप को मान्यता देने पर टास्क फोर्स का निर्णय:- टास्क फोर्स नोडल एजेंसी की सुझाव को ध्यान में रखते हुए और सभी आवश्यक शर्तें की पूर्ति के अधीन स्टार्टअप्स को मान्यता देने पर निर्णय लेगी।
  8. प्रमाण पत्र जारी करना:- स्टार्टअप मान्यता देने के लिए टास्क फोर्स द्वारा जिन आवेदनों को शॉर्टलिस्ट किया जाएगा ऑनलाइन मान्यता प्रमाणपत्र जारी किया जाए।
  9. स्टार्टअप के रूप में पहचाने जाने के बाद पात्रता:-
    • एक बार किसी संस्था को मान्यता मिलने के बाद, यह लाभ और प्रोत्साहन के तहत पात्र हो जाएगा उत्तराखंड स्टार्टअप नीति
      जिसके लिए मान्यता प्राप्त स्टार्टअप द्वारा एक अलग ऑनलाइन आवेदन किया जाएगा।
    • जिन स्टार्टअप्स ने आवेदन किया है, समिति के स्वीकृति के अधीन उन्हें लाभ और प्रोत्साहन का वितरण किया जाएगा।

अन्य लाभ के लिए दिशा-निर्देश:-

  1. मासिक भत्ते का लाभ उठाने के लिए दिशानिर्देश
  2. आधारित सहायता के लिए
  3. आईपी ​​दाखिल करने की प्रतिपूर्ति के लिए दिशानिर्देश
  4. स्टार्टअप्स के प्रोत्साहन के लिए दिशानिर्देश
  5. विपणन सहायता के लिए दिशानिर्देश
जाति लाभार्थी व्यक्ति का प्रकार योजना का प्रकार सरकार

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