
हाइलाइट
- ग्रामीण भूमिहीन कृषि मज़दूरों को प्रति वर्ष 7,000/- रूपये की आर्थिक सहायता।
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योजना का अवलोकन
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योजना का नाम | छत्तीसगढ़ राजीव गाँधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना |
आरंभ होने की तिथि | 1 अप्रैल 2021 |
लाभ | पात्र परिवारों को 7,000/- रूपये प्रति वर्ष की अनुदान सहायता राशि दी जायगी। |
नोडल एजेंसी | राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग, छत्तीसगढ़ सरकार। |
आवेदन का तरीका | राजीव गाँधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना पोर्टल द्वारा। |
योजना के बारे मे
- छत्तीसगढ़ राज्य की ज़्यादातर ग्रामीण आबादी कृषि मज़दूरी पर निर्भर है।
- खरीफ के सत्र को छोड़कर, अन्य सत्र में कृषि मज़दूरों के लिए काम करने के अवसर कम हो जाते है।
- इसी वजह से भूमिहीन कृषि मज़दूरों को रोज़गार के कम अवसर मिलते है।
- इन्ही सब बातों को ध्यान में रखते हुवे छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा भूमिहीन कृषि मज़दूरों के लिए राजीव गाँधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मज़दूर न्याय योजना की शुरुवात की गयी है।
- इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र के कृषि मज़दूर जिनके पास स्वयं की भूमि नहीं है उनकी पहचान कर उनको वार्षक आर्थिक अनुदान प्रदान करना।
- इसके साथ ही आर्थिक अनुदान की सहायता के द्वारा भूमिहीन कृषि मज़दूर परिवारों की आय में वृद्धि करना।
- यह योजना वित्तीय वर्ष 2021-2022 से समूचे छत्तीसगढ़ राज्य में लागू कर दी गयी है।
- इस योजना के तहत वो मज़दूर जिनके पास अपनी भूमि नहीं है उन्हें सरकार के द्वारा वित्तीय सहायता प्रदान की जायगी।
- इससे उन्हें कृषि सत्र पर निर्भर नहीं होना पड़ेगा और उनकी आय में भी वृद्धि होगी।
- यह योजना केवल छत्तीसगढ़ के मूल निवासियों के लिए ही उपलब्ध है।
- यह योजना केवल उन्ही के लिए उपलब्ध है जिनके पास कृषि भूमि नहीं है।
- इस योजना से छत्तीसगढ़ राज्य के लगभग 10 लाख से ज़्यादा लोगो को फायदा मिलेगा।
- योजना का लाभ लेने के लिए राजीव गाँधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मज़दूर न्याय योजना के पोर्टल पर पंजीकरण करवाना अनिवार्य है।
- बिना पंजीकृत परिवार को इस योजना के अन्तर्गत लाभ लेने के हक़दार नहीं होंगे।
- वर्ष 2024 में नई सरकार के गठन पश्चात इस योजना को बंद करके इसके स्थान पर दीनदयाल उपाध्याय कृषि मजदूर कल्याण योजना को लागु किया गया है।
- अतः राजीव गाँधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना अब दीनदयाल उपाध्याय कृषि मजदूर कल्याण योजना के नाम से पहचानी जाएगी।
- नवीनीकरण के साथ साथ प्रदेश सरकार ने योजना में मिलने वाली वित्तीय सहायता में बढ़ोतरी करके इसकी राशि को 7,000 से बढ़ाकर 10,000 कर दिया है।
- यानि अब इस योजना के लिए पात्र व्यक्तियों को दीनदयाल उपाध्याय कृषि मजदूर कल्याण योजना के अंतर्गत प्रतिवर्ष 10,000 रूपए की वित्तीय सहायता दी जाएगी।
योजना के अंतर्गत मिलने वाले लाभ
- पात्र परिवार के मुखिया को प्रति वर्ष 7,000/- रूपये की अनुदान सहायता प्रदान की जायगी।
पात्रता की शर्तें
- छत्तीसगढ़ के मूल निवासी।
- वो परिवार जिनके पास अपनी कृषि भूमि नहीं है।
- परिवार के पास अंश बराबर भी कृषि भूमि नहीं होनी चाहिए।
योजना के अंतर्गत पात्र परिवार
- योजना के तहत केवल वही परिवार पात्र है जिनके पास कृषि भूमि नहीं है।
- जिसका जीविका का मुख्य साधन शारीरिक श्रम है।
- अगर इनमे से किसी भी परिवार के पास अपनी कृषि भूमि नहीं है तो ये सब इस योजना के तहत पात्र माने जाएंगे :-
- मनरेगा के तहत कार्य करने वाले मजदूर।
- चरवाहा।
- लौहार।
- बढ़ई।
- मोची।
- धोबी।
- नाई।
- पुरोहित जैसे पौनी पसारी व्यवस्था से जुड़े परिवार।
- वनोपज संग्राहक।
- शासन द्वारा समय समय पर नियत अन्य वर्ग भी पात्र है यदि उनके पास कृषि भूमि नहीं है।
अन्य पात्र परिवार
- दिनांक 20.05.2022 के आदेश के तहत कुछ नयी श्रेणियां इस योजना में शामिल की गयी हैं।
- ये वो श्रेणियां है जो अनुसूचित क्षेत्रों के देव स्थल में पूजा करते है।
- निम्नलिखित श्रेणियां भी अब इस योजना का लाभ ले सकते है :-
- पुजारी।
- बैगा।
- मांझी।
- गुनिया।
- आदिवासियों के देव स्थल के हाट पहरिये एवं बाज़ा मोहरिया, कृषि भूमि होने के बाद भी योजना का लाभ ले सकते है।
- परन्तु इन श्रेणियों के वो परिवार जो शासन से अन्य योजनाओ के द्वारा सामाजिक भत्ता या आर्थिक सहायता प्राप्त कर रहे है वो इस योजना का लाभ लेने के लिए पात्र नहीं है।
परिवार जो पात्र नहीं
- वो परिवार जिनके पास कृषि भूमि उपलब्ध है।
- वो परिवार जिनके पास शासन द्वारा दी गयी पट्टे की भूमि है ।
- वो परिवार जिनके पास वन अधिकार प्रमाण पत्र है।
- इन श्रेणियों के अलावा निम्नलिखित कोई भी श्रेणी इस योजना के अंतर्गत पात्र नहीं होगी :-
- राज्य के नगर क्षेत्र में रहने वाला परिवार या व्यक्ति।
- संवैधानिक पद पर बैठा व्यक्ति।
- केंद्र व राज्य सरकार के अधिकारी या कर्मचारी जो अभी भी सेवा में है।
- केंद्र व राज्य सरकार के सेवानिवृत्त अधिकारी या कर्मचारी।
- केंद्र व राज्य सरकार के संविदा पर कार्य करने वाले अधिकारी या कर्मचारी।
- दैनिक वेतन पर काम करने वाले कर्मचारी।
- वो अधिकारी या कर्मचारी जिसने PSU में काम किया हो।
- केंद्र व राज्य सरकार के वर्तमान या पूर्व मंत्री।
- लोकसभा व राज्यसभा के वर्तमान या पूर्व सदस्य।
- राज्य विधान सभा व राज्य विधान परिषद् के वर्तमान या पूर्व सदस्य।
- जिला पंचायत का वर्तमान या पूर्व अध्यक्ष।
- जनपद पंचायत का कोई वर्तमान या पूर्व अध्यक्ष।
- ग्राम पंचायत का कोई वर्तमान या पूर्व सरपंच।
- किसी भी नगर का वर्तमान या पूर्व मेयर/अध्यक्ष।
- कोई भी आयकर भरने वाला परिवार।
- डॉक्टर , इंजीनियर, चार्टर्ड अकाउंटेंट, वकील, आर्किटेक्ट।
लाभ लेने के लिए आवश्यक दस्तावेज
- आधार कार्ड
- फोटो।
- मोबाइल नंबर।
- स्थायी निवास प्रमाण पत्र।
- बैंक पासबुक।
आवेदन करने की प्रक्रिया
- सर्वप्रथम लाभार्थी को लाभ लेने हेतु राजीव गाँधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मज़दूर न्याय योजना के पोर्टल पर पंजीकरण कराना होगा।
- आवेदन पत्र के साथ आधार कार्ड, बैंक पासबुक की छायाप्रति संलग्न कर ग्राम पंचायत के सचिव के समक्ष प्रस्तुत किया जायगा।
- आवेदन पत्र में मोबाइल नंबर का उल्लेख करना अनिवार्य है।
- आवेदन जमा करने के पश्चात पंचायत सचिव द्वारा आवदेक को आवड़दान की पावती प्रदान की जायगी।
- इसके बाद उक्त आवेदन पत्र को ग्राम पंचायत सचिव द्वारा अन्य सम्बंधित कार्यालय में जमा कराया जायगा।
- उसके बाद उक्त आवेदन पत्र की पोर्टल में प्रविष्टि की जायगी।
- उक्त आवेदन की जांच सम्बंधित राजश्व अधिकारीयों द्वारा की जायगी।
- आवेदन पत्र सही पाए जाने की दशा में आवेदक को एस०एम०एस० के माध्यम से सूचित किया जायगा।
- और नियमानुसार अवधि में आवेदक के खाते में योजना की राशि स्थानांतरित कर दी जायगी।
योजना की मुख्य विशेषताए
- योजना शुरू करने का मुख्य उद्देश्य ऐसे ग्रामीण मज़दूरों को लाभ पहुँचाना है जिनके पास अपनी खेती की ज़मीन नहीं है।
- ऐसे लाभार्थियों को छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रति वर्ष 7,000/- रूपये प्रति वर्ष की सहायता धनराशि प्रदान की जायगी।
- इस योजना के अंतर्गत लगभग 10 लाख लोगो को लाभ मिलेगा।
- इससे उनकी आय में भी वृद्धि होगी।
- अभी तक छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा 71.02 करोड़ रूपये 3.55 लाख लाभार्थियों के खातों में ट्रांसफर किये जा चुके है।
- आवासीय उपयोग हेतु धारित भूमि कृषि भूमि के अंतर्गत नहीं मानी जायगी।
- पंजीकृत परिवार के मुखिया की मृत्यु होने की दशा में उक्त परिवार को नए सिरे से पोर्टल पर आवेदन करना होगा।
- पंजीकरण करते वक़्त गलत जानकारी दे कर लाभ लेने पर नियमानुसार कार्यवाही की जायगी।
- पट्टे पर मिली भूमि को इस योजना के अंतर्गत कृषि भूमि माना जायगा।
महत्वपूर्ण आवेदन पत्र
- अनुसूचित क्षेत्र के पुजारी/बैगा/गुनिया/मांझी/हाट पहरिया/बाज़ा महोरिया हेतु आवेदन पत्र।
- आवेदन पत्र का प्रारूप।
- आवेदन पत्र का नमूना।
- पात्र हितग्रहियों का संशोधित फॉर्म।
महत्वपूर्ण लिंक
- छत्तीसगढ़ राजीव गाँधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मज़दूर न्याय योजना पोर्टल।
- पंजीकरण विवरण जानने हेतु।
- राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग, छत्तीसगढ़ सरकार।
- आधिकारिक दिशानिर्देश।
- आधिकारिक आदेश।
सम्पर्क करने का विवरण
- जिलेवार अधिकारीयों/कर्मचारियों के मोबाइल नंबर।
- राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग,
महानदी भवन, नवा रायपुर, अटल नगर,
छत्तीसगढ़।
जाति | लाभार्थी व्यक्ति का प्रकार | योजना का प्रकार | सरकार |
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पट्टे वालो को ये सुविधा…
koi bhi pesa nhi mil rha hai…
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