हाइलाइट
- उत्तर प्रदेश नन्दिनी कृषक योजना के लिए राज्य सरकार द्वारा निम्नलिखित लाभ प्रदान किये जाएँगे:-
- लाभार्थी को गोवंश की इकाई स्थापित करने के लिए 50% का अनुदान दिया जाएगा।
- इससे राज्य में उच्च क्षमता की दुधारू गोवंश को बढ़ावा मिलेगा।
- पशुओ की दुग्ध उत्पादन क्षमता बढ़ेगी।
- पशुपालको की आय में वृद्धि।
- पशुपालन के क्षेत्र में नए रोजगार का सृजन करना।
ग्राहक देखभाल फ़ोन नंबर
- उत्तर प्रदेश नन्दिनी कृषक समृद्धि योजना संपर्क सूत्र: 9415234589
- उत्तर प्रदेश पशुपालन हेल्पलाइन: 18001805141
योजना का अवलोकन
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योजना का नाम | नन्दिनी कृषक समृद्धि योजना। |
आरंभ वर्ष | 2023 |
लाभ | गोवंश की इकाई स्थापित करने हेतु लाभार्थी को राज्य सरकार द्वारा कुल लगत का 50 प्रतिशत अनुदान। साथ ही कुल लागत के 35 प्रतिशत का बैंक द्वारा लॉन की सुविधा। |
लाभार्थी | स्थानीय पशुपालन क्षेत्र के सम्बंधित। |
नोडल विभाग | पशुपालन विकास विभाग, उत्तर प्रदेश। |
सब्सक्रिप्शन | योजना की निरंतर जानकारी के लिए यहाँ सब्सक्राइब करे। |
आवेदन का तरीका | उत्तर प्रदेश नंदिनी कृषक समृद्धि योजना का आवेदन ऑफलाइन माध्यम द्वारा किया जाएगा। |
योजना के बारे मे
- उत्तर प्रदेश की अधिकांश आबादी ग्रामीण क्षेत्र में है, जिनकी आय का मुख्य श्रोत कृषि और पशुपालन है।
- राज्य सरकार के अनुसार राज्य की कुल जी.डी.पी में 29.3 प्रतिशत पशुपालन विभाग का योगदान है।
- इस सन्दर्भ में राज्य सरकार इस क्षेत्र से जुड़े लोगो के लिए समय समय पर कई योजनाओ को लागू कर चुकी है।
- इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए, राज्य सरकार ने प्रदेश के पशुपालन क्षेत्र से सम्बंधित लाभार्थियों के लिए एक नई योजना के शुरुआत की है।
- इस योजना का नाम है "नन्दिनी कृषक समृद्धि योजना"।
- इस योजना के अंतर्गत राज्य सरकार प्रदेश में उच्च क्षमता की दुधारू गाय और अन्य गोवंश का संवर्धन करना है।
- इसके लिए राज्य सरकार लाभार्थियों को उच्च नस्ल की अधिक से अधिक दुधारू गोवंश की इकाई स्थापित करने में सहायता प्रदान करेगी।
- इस योजना को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा।
- जिसके तहत पहले चरण में 25 गाय की 35 इकाइयां स्थापित की जायेंगी, जिसमे लाभार्थी अधिकतम 62 लाख की इकाई स्थापित कर सकता है।
- मुख्यता ये इकाइयां प्रदेश के दस मण्डल मुख्यालय के जनपद अयोध्या, गोरखपुर, वाराणसी, प्रयागराज, लखनऊ, झाँसी, मेरठ, आगरा, बरेली, एवं कानपुर में संचालित की जाएंगी।
- परियोजना के तहत लाभार्थी को कुल लागत का 50 प्रतिशत अनुदान राज्य सरकार द्वारा दिया जाएगा।
- वही लागत का 35 प्रतिशत लाभार्थी राष्ट्रीयकृत/ग्रामीण बैंक/कोपरेटिव बैंक से लोन के रूप में प्राप्त कर सकता है, तथा अन्य 15 प्रतिशत लाभार्थी को खुद व्यय करना होगा।
- राज्य सरकार द्वारा दिया जाने वाला अनुदान लाभार्थी को तीन चरणों में दिया जाएगा:-
- पहला अनुदान कुल अनुदान का 50 प्रतिशत आधारभूत संरचना पूर्ण होने पर।
- दूसरा अनुदान कुल अनुदान का 25 प्रतिशत गोवंश क्रय करने के पश्चात।
- तथा अंतिम 25 प्रतिशत अनुदान इकाई के गोवंशों में काम से काम १० संतति उत्पन्न होने पर।
- योजना का आवेदन लाभार्थी ऑफलाइन माध्यम से कर सकता है।
- जिसके लिए आवेदक को दी गई पात्रता को पूर्ण करना होगा।
- योजना के अंतर्गत गोवंश की इकाई स्थापित करने के लिए लाभार्थी केवल साहीवाल अथवा थारपारकर अथवा गिर नस्ल में से एक या फिर उनके मिश्रित की इकाई स्थिपित कर सकता है।
- जिसके लिए लाभार्थी को कुल लगत जो की 62,50,000 है उसका 50 प्रतिशत यानी 31,25,000 अनुदान के रूप में दिया जाएगा।
- वही साहीवाल अथवा गिर अथवा थारपारकर नस्ल के 20 गोवंश के साथ साथ अधिकतम 5 गोवंश गंगातीरी नस्ल के रख सकता है, जिसके लिए लाभार्थी को कुल लागत यानी 6100000 लाख का 50 प्रतिशत यानी 30,50,000 रूपए अनुदान स्वरुप दिए जाएँगे।
योजना के अंतर्गत मिलने वाले लाभ
- प्रदेश में उच्च उत्पादन क्षमता की गायों का संवर्धन।
- पशुओ की दुग्ध उत्पादन क्षमता को बढ़ाना।
- पशुपालक की आय बढ़ाना।
- नए रोजगार उत्पन्न करना।
- परशुपालको के लिए उच्च क्षमता के गोवंश को सुनिश्चित करना।
पात्रता
- उत्तर प्रदेश नन्दिनी कृषक समृद्धि योजना के लिए लाभार्थी का चयन निम्नलिखित पात्रता अनुसार होगा:-
- लाभार्थी राज्य का स्थानीय निवासी होना चाहिए, प्राथमिकता राज्य की महिला आवेदक को दिया जाएगा।
- उसके पास आधार कार्ड होना चाहिए।
- गोपालन तथा महिष पालन का आवेदक को कम से कम तीन वर्षो का अनुभव होना चाहिए, जिसका प्रमाण मुख्य पशु चिकित्साधिकारी दिया गया हो।
- योजना के अंतर्गत लाभार्थी के पास इकाई स्थापित करने हेतु 0.5 एकड़ की भूमि होनी चाहिए।
- इसके अलावा लाभार्थी के पास 1.5 एकड़ की भूमि चारा उत्पादन हेतु होनी चाहिए ,जो या तो उसकी खुद की हो या फिर कम से कम 7 वर्षो के लिए पंजीकृत अनुबंध पर हो।
- जो लाभार्थी पूर्व में संचालित कामधेनु, मिनी कामधेनु, या माइक्रो कामधेनु योजना का लाभ ले चुके है, इस योजना के लिए पात्र नहीं होंगे।
- गोवंश का क्रय प्रदेश के बाहर से उस नस्ल की ब्रीडिंग ट्रैक्ट से हुआ हो, क्रय किये गए गोवंश की इयर टैगिंग और उसका बिमा होना आवश्यक है।
लाभ लेने के लिए आवश्यक दस्तावेज
- उत्तर प्रदेश नन्दिनी कृषक समृद्धि योजना का लाभ लेने के लिए लाभार्थी को निम्न दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे :-
- आधार कार्ड।
- राशन कार्ड।
- बैंक खाते का विवरण।
- स्थानीय निवास प्रमाण पत्र।
- पासपोर्ट साइज फोटो।
- मोबाइल नंबर।
- पंजीकृत चारा भूमि के सम्बंधित दस्तावेज (यदि लागु हो)।
- इकाई स्थापित हुई के सम्बंधित दस्तावेज।
- पशु चिकित्साधिकारी द्वार जारी प्रमाण पत्र।
आवेदन की प्रक्रिया
- उत्तर प्रदेश नन्दिनी कृषक समृद्धि योजना का आवेदन लाभार्थी ऑफलाइन माध्यम से कर सकते है, जिसकी प्रक्रिया निम्लिखित है: -
- सर्वप्रथम, आवेदक अपने नजदीकी मुख्य पशु चिकित्साधिकारी के कार्यालय में संपर्क करे।
- वहाँ से आप नंदिनी कृषक समृद्धि योजना का आवेदन फॉर्म प्राप्त करे।
- प्राप्त किया गए फॉर्म को सम्पूर्ण रूप से भरकर जरूरी दस्तावेजों को संलग्न करके उसी कार्यालय में जमा कर दे।
- आपके द्वारा दी गई जानकारी, दस्तावेजों के जाँच के उपरांत प्राथमिकता के आधार पर इकाई स्थापित करने की अनुमति दी जाएगी।
- यदि किसी मण्डल के लिए अधिक आवेदन प्राप्त होते है तो, लाभार्थी का चयन मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता वाली समिति द्वारा ई-लाटरी प्रणाली के तहत किया जाएगा।
महत्वपूर्ण लिंक
- उत्तर प्रदेश पशुपालन विभाग आधिकारिक वेबसाइट।
- दुग्धशाला विभाग उत्तर प्रदेश की आधिकारिक वेबसाइट।
- उत्तर प्रदेश नन्दिनी कृषक योजना शाशनादेश।
सम्पर्क करने का विवरण
- उत्तर प्रदेश नन्दिनी कृषक समृद्धि योजना संपर्क सूत्र: 9415234589
- पशुपालन हेल्पलाइन: 18001805141
- डा0 केशव कुमार
उपनिदेशक, निदेशालय पशुपालन विभाग
उ0प्र0 लखनऊ।
और देखें
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