हाइलाइट
- प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के तहत, सरकार विभिन्न लाभ प्रदान करती है: -
- मत्स्य पालन क्षेत्र को आधुनिक और मजबूत करना।
- उत्पादकता और उत्पादन को बढ़ाना।
- नये रोजगार का सृजन करना।
- मछली पालकों की आय दोगुनी करना।
ग्राहक देखभाल फ़ोन नंबर
- प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना हेल्पलाइन नंबर:- 1800-425-1660
- प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना हेल्पडेस्क ईमेल:- sanjay.rpandey@gov.in, rakesh.kr38@gov.in
योजना का अवलोकन
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योजना का नाम | प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना। |
आरंभ वर्ष | 2020 |
उद्देश्य | इस योजना के माध्यम से किसानों की आय को दोगुना और आधुनिक बनाकर मछली क्षेत्र को मजबूत बनाया जाएगा। |
लाभार्थी | मछली किसान और मछुआरे। |
नोडल विभाग | मत्स्य पालन विभाग। |
आवेदन का तरीका | प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के तहत केवल ऑफलाइन आवेदन कर सकते है। |
योजना के बारे मे
- हमारे देश में 1.6 करोड़ मछुआरे और मछली किसान ऐसे है जिनका जीवन सिर्फ मत्स्य पालन और जलीय कृषि पर निर्भर करता है।
- सांख्यिकीय के अनुसार पिछले पांच वर्षो में मत्स्य पालन और जलीय कृषि क्षेत्र में साल-दर-साल विकास 10.88% हुआ है।
- वर्ष 2019-2020 बजट भाषण में वित्त मंत्री जी ने 'प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना' को शुरू करने की घोषणा की थी।
- प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना को वर्ष 2020 में शुरू किया गया।
- इस योजना को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य एक मजबूत प्रबंधन और नियामक का निर्माण कर के मछली किसानो को सामाजिक, शारीरिक और आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है।
- इस योजना के कार्यान्वयन के लिए सरकार ने 20,050 करोड़ रुपये वित्तीय वर्ष 2020-21 से वित्तीय वर्ष 2024-25 तक के लिए आवंटित किये।
- सरकार का उद्देश्य मछुआरी क्षेत्र की क्षमताओं का उपयोग सतत, निष्पक्ष, और जवाबदेह तरीके से करना है।
- इसके द्वारा उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा।
- मछुआरी क्षेत्र को आधुनिकीकृत और मजबूत बनाने के लिए बुनियादी ढांचा और पोस्ट हार्वेस्ट प्रबंधन पर काम किया जाएगा।
- इस योजना के तहत मछुआरों और मछुआरियों के आय को दोगुना करने का प्रयास किया जाएगा।
- इसके सफल कार्यान्वयन के परिणामस्वरूप 55 लाख नई रोजगार की संभावना है।
- इसके अतिरिक्त सरकार का उत्पादन के मामले में उदेश्य मछली का उत्पादन 13.75 मेट्रिक टन से 22 मिलियन तक बढ़ाना है और देश में औसत मत्स्यपालन को वर्तमान 3 टन से 5 टन तक बढ़ाना है।
- अर्थशास्त्र मूल्यांकन के तहत उनका उद्देश्य मछुआरी क्षेत्र के जीवीए योगदान को 7.28% से 9% तक बढ़ाना है।
- प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना दो घटकों के तहत कार्यान्वित की जाएगी:-
- केंद्रीय क्षेत्र योजना (CS)
- केंद्र और राज्य सहयोगिता योजना (CSS)
- 'केंद्रीय क्षेत्र योजना' के तहत पूरी परियोजना की वित्तपोषण केंद्र सरकार द्वारा किया जाता है और 'केंद्र और राज्य सहयोगिता योजना' के तहत परियोजना लागत को राज्य और केंद्र दोनों द्वारा बाँटा जाएगा।
योजना के अंतगर्त मिलने वाले लाभ
- प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत सरकार पात्र लाभार्थियों को निम्नलिखित लाभ प्रदान करेगी:-
- क्षेत्र को आधुनिकीकृत और मजबूत बनाने के लिए बुनियादी ढांचा और पोस्ट हार्वेस्ट प्रबंधन पर काम किया जाएगा।
- मछली उत्पादन और उसकी उत्पादकता को बढ़ाने के लिए अंतर्देशीय मत्स्यपालन और जलसंवर्धन विकास और ब्रूड बैंक की स्थापना की जाएगी।
- मछुआरों और मछुआरों की आय को दोगुना करने पर भी ध्यान दिया जाएगा।
- योजना के माध्यम से नए उपयोगी रोजगार के अवसर पैदा किये जाएगे।
- किसानों की सामाजिक, शारीरिक, और आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी:-
- जिसके लिए सुरक्षा किट और मोटराइज्ड मछली पकड़ने वाले जहाज़ प्रदान किये जाते है।
- पारंपरिक मछुआरों को नेट और नौकाओं की सुविधा दी जाएगी।
- क्षेत्र को आधुनिकीकृत और मजबूत बनाने के लिए बुनियादी ढांचा और पोस्ट हार्वेस्ट प्रबंधन पर काम किया जाएगा।
पात्रता
- प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के अंतर्गत आवेदन के लिए निम्नलिखित पात्र होंगे:-
- मछुआरे और मछली किसान।
- मछली श्रमिक और उसके विक्रेता।
- मत्स्य पालन विकास निगम।
- मत्स्य पालन क्षेत्र में स्वयं सहायता समूह/संयुक्त दायित्व समूह।
- मत्स्य पालन सहकारी और महासंघ।
- निजी फर्म और उद्यमी।
- मछली उत्पादक उत्पादकों का संगठन एवं कम्पनियाँ।
- अनुसूचित जाति।
- अनुसूचित जनजाति।
- शारीरिक विकलांगता वाला व्यक्ति।
आवेदन करने के लिए आवश्यक दस्तावेज
- प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के अंतर्गत आवेदन करते समय लाभार्थी के पास निम्नलिखित दस्तावेज होने आवयशक है:-
- आधार कार्ड।
- पैन कार्ड।
- वोटर आई कार्ड।
- बैंक के खाते का विवरण।
- परियोजना रिपोर्ट।
- भूमि दस्तावेज।
- व्यवसाय पंजीकरण प्रमाण पत्र।
- एससी/एसटी प्रमाणपत्र (यदि कोई हो)।
- विकलांगता प्रमाणपत्र (यदि कोई हो)।
- मोबाइल नंबर।
- अधिदेश प्रपत्र।
- पासपोर्ट के आकार की तस्वीर।
- मछली पकड़ने का जहाज़ लाइसेंस।
- नेट लाइसेंस।
आवेदन की प्रक्रिया
- प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के तहत पात्र लाभार्थी ऑफलाइन मोड के माध्यम से आवेदन कर सकते है।
- केंद्र प्रायोजित योजना के आवेदन हेतु लाभार्थियों को नीचे दी गई प्रक्रिया के अनुसार ही आवेदन करना है:-
- विस्तृत परियोजना रिपोर्ट और स्वयं निहित प्रस्ताव की तीन प्रतियाँ जमा करनी होगी।
- जिसमे से एक कॉपी मत्स्य पालन विभाग, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय में और बाकि दो राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड में जमा करनी होगी।
- इसी के साथ विस्तृत परियोजना रिपोर्ट और स्वयं निहित प्रस्ताव की प्रतिलिपि निम्नलिखित पते पर भेजनी होगी:-
- मुख्य कार्यकारी, राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड, मत्स्य पालन विभाग,
मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय, भारत सरकार,
स्तंभ संख्या: 235, पीवीएनआर एक्सप्रेसवे,
एसवीपीएनपीए पोस्ट, हैदराबाद -500052
- मुख्य कार्यकारी, राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड, मत्स्य पालन विभाग,
- इसके अलावा विस्तृत परियोजना रिपोर्ट और स्वयं निहित प्रस्ताव की एक अग्रिम प्रति मत्स्य पालन विभाग को प्रस्तुत की जाएगी:-
- सचिव मत्स्य पालन विभाग,
मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय,
भारत सरकार कमरा नंबर-221, कृषि भवन,
नई दिल्ली-110001
- सचिव मत्स्य पालन विभाग,
- जिन लाभार्थियों को प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना की केंद्रीय क्षेत्र योजना के लिए आवेदन करना वे सभी अपना प्रस्ताव मत्स्य पालन विभाग को प्रस्तुत कर सकते हैं:-
- सचिव मत्स्य पालन विभाग,
मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय,
भारत सरकार कमरा नंबर-221, कृषि भवन,
नई दिल्ली-110001
- सचिव मत्स्य पालन विभाग,
महत्वपूर्ण लिंक
सम्पर्क करने का विवरण
- प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना हेल्पलाइन नंबर:- 1800-425-1660
- प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना हेल्पडेस्क ईमेल:- sanjay.rpandey@gov.in, rakesh.kr38@gov.in
- कार्यालय का पता:- सहायक आयुक्त (मत्स्यपालन)
मत्स्य पालन विभाग,
मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय
कमरा नंबर 479, कृषि भवन
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लाभार्थी व्यक्ति का प्रकार | सरकार |
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टिप्पणियाँ
பணி நியமனம்
தமிழகத்தில் வாழ்வாதார இல்லாமல் வாழ்ந்து கொண்டு இருக்கும் மீனவர்களு மிகவும் உதவியாக சாகர் சித்திரா பணியாளர் பணியாற்றினார் வருகின்றனர் எனவே PMMYS திட்டத்தை விரிவாக்கம் செய்து இத்திட்டத்தை மீனவர்களுக்கும் சாகர்மித்திரா பணியாளர்களுக்கும் பெரிதும் பயன்படுவார்கள்.
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