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युवा उद्यमी योजना मध्य प्रदेश सरकार द्वारा 1 अगस्त , 2014 को शुरू की गई थी और 16 नवंबर , 2017 को इसमें संशोधन किया गया। समाज के सभी वर्गों के लिये स्वयं का उद्योग (विनिर्माण)/सेवा उद्यम स्थापित करने हेतु बैंकों के माध्यम से ऋण उपलब्ध कराना है। योजना के अंतर्गत हितग्राहियों को मार्जिन मनी सहायता, ब्याज अनुदान, ऋण गारंटी एवं प्रशिक्षण का लाभ शासन द्वारा दिया जाएगा।
योजना का क्रियान्वयन
योजना के क्रियान्वयन सूक्ष्म , लघु और माध्यम उद्यम विभाग नोडल विभाग होगा तथा महाप्रबंधक , जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र के माध्यम से योजना को क्रियान्वित किया जाएगा।
पात्रता
योजना का कार्यक्षेत्र संपूर्ण मध्यप्रदेश होगा (अर्थात् योजना का लाभ उन्हीं उद्यमों को देय होगा जो मध्यप्रदेश सीमा के अन्दर स्थापित हों)
आवेदक की पात्रता
- मध्यप्रदेश का मूल निवासी हो।
- न्यूनतम 10 वीं कक्षा उत्तीर्ण हो।
- आवेदन दिनांक को आयु 18 से 40 वर्ष के बीच हो।
- आय सीमा का कोई बंधन नहीं पराँती आवेदक का परिवार पहले से ही उद्योग / व्यापार क्षेत्र में स्थापित होकर आयकरदाता न हो।
- किसी भी राष्ट्रीयकृत बैंक(Defaulter) नहीं होना चाहिए।
- यदि कोई व्यक्ति किसी शासकीय उद्यमी/स्वरोजगार योजना के अन्तर्गत सहायता प्राप्त कर रहा हो, तो इस योजना के अन्तर्गत पात्र नहीं होगा।
- सिर्फ एक बार ही इस योजना के अंतर्गत सहायता के लिए पात्र होगा।
- योजना केवल उद्योग (विनिर्माण) एवं सेवा क्षेत्र की समस्त परियोजनाएं जो CGTMSE अंतर्गत बैंक शरण गारंटी के लिए पात्र हैं, के लिए मान्य होगी , परन्तु व्यापारिक गतिविधियां , समस्त प्रकार के वाहन , भैंस पालन , पशु पालन एवं कुक्कुट पालन सम्बन्धी परियोजनाओं को पात्रता नहीं होगी।
सहायता
- इस योजना के अंतर्गत परियोजना लागत न्यूनतम रूपये 10 लाख से अधिकतम रूपये 2 करोड़ होगी।
- इस योजना के अंतर्गत परियोजना लागत पर मार्जिनमनी सहायता 15 प्रतिशत(अधिकतम रूपये 12 लाख) देय होगी।
- BPL के लिए परियोजना के पूंजीगत लागत पर 20% (अधिकतम 18 लाख ) देय होगी।
- इस योजना के अंतर्गत परियोजना लागत पर 5% (महिलाओं के लिए 6%) की दर से अधिकतम 7 वर्ष तक ब्याज अनुदान देय होगा।
- इस योजना के अंतर्गत गारंटी शुल्क प्रचलित दर पर अधिकतम 7 वर्ष तक देय होगी।
आवेदन कैसे करें ?
- आवेदक द्वारा एमपी - ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से निर्धारित प्रपत्र में ज़रूरी सहपत्रों के साथ ऑनलाइन आवेदन जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र में प्रस्तुत किया जायेगा।
- आवेदन पत्र निःशुल्क रहेगा।
- सभी प्राप्त आवेदन पंजीबद्ध किये जावेंगे। अपूर्ण आवेदन पूर्ण करनेके लिए 15 दिन के अन्दर संभव आवेदक को सूचित किया जायेगा।
- आवेदक द्वारा प्रस्तावित गतिविधि की डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन) चार्टर्ड एकाउंटेन्ट द्वारा प्रमाणित कर आवेदन के साथ संलग्न किय जाना होगा।
आवेदन पत्रों का निराकरण :
जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र तथा बैंक में प्राप्त आवेदन पत्र तथा विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन योजनांतर्गत गठित जिला टास्कफोर्स समिति के समक्ष प्रस्तुत किये जावेंगे।
आवेदन पत्रों के निराकरण एवं समीक्षा के लिए निम्नानुसार जिला टास्कफोर्स समिति गठित होगी-
क्र. | अधिकारी | पद |
1 | कलेक्टर | अध्यक्ष |
2 | मुख्या कार्यपालन अधिकारी , जिला पंचायत | सदस्य |
3 | जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक | सदस्य |
4 | कोई एक प्रमुख राष्ट्रीयकृत बैंक के जिला समन्वयक/प्रतिनिधि | सदस्य |
5 | परियोजना अधिकारी जिला शहरी विकास अभिकरण | सदस्य |
6 | आई. टी आई / पॉलिटेक्निक कॉलेज के प्रतिनिधि | सदस्य |
7 | महाप्रबंधक, जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द | सदस्य |
8 | संबंधित बैंक के शाखा प्रबंधक/प्रतिनिधि | सदस्य |
टीपः- आवश्यक होने पर कलेक्टर किसी भी विभाग/संस्था/बैंक के अधिकारी/प्रतिनिधि/व्यक्ति विशेष को समिति की बैठक मे आवश्यकतानुसार बुला सकेंगे।
- जिला टास्कफोर्स समिति की अनुशंसा उपरांत प्रकरणों को निराकरण हेतु बैंकों को अग्रेषित किया जावेगा।
- उद्योग एवं सेवा संबंधी इकाई के लिए गारंटी, ऋण गारंटी निधि योजना (क्रेडिट गारंटी ट्रस्ट फार माईक्रो एण्ड स्माल एंटरप्राईजेस) के माध्यम से दी जावेगी। अतः बैंक द्वारा किसी प्रकार की कोलेटरल सिक्योरिटी (Collateral secuurity) की मांग आवेदक से नहीं की जाएगी ।
- बैंकों को रिजर्व बैंक के दिशा निर्देश अनुसार बैंक में प्रकरण प्राप्ति के 30 दिन के अंदर निराकरण किया जावेगा।
- प्रकरण स्वीकृति के 15 दिन के अन्दर बैंक के द्वारा ऋण वितरण (disbursement) प्रारंभ किया जावेगा।
- योजना के सुचारू रूप से क्रियान्वयन तथा सहायता प्राप्त उद्यमों की स्थापना, उद्यमियों की समस्याओं एवं अन्य विषय की समीक्षा जिला टास्कफोर्स समिति के द्वारा की जावेगी।
सहायता एवं ऋण अदायगी
- सामान्य वर्ग के लिए परियोजना लागत पर 15 प्रतिशत (अधिकतम रू. 12 लाख) मार्जिनमनी सहायता और BPL के लिए परियोजना लागत पर 20% (अदिक्तम 18 लाख )हितग्राही को शासन/निगम की ओर से देय होगी तथा शेष आवश्यक होने पर मार्जिनमनी हितग्राही को स्वयं जमा करनी होगी।
- आरंभिक स्थगन (moratorium) की न्यूनतम अवधि 6 माह होगी।
- आरंभिक स्थगन(moratorium)के बाद,ऋण अदायगी 5 से 7 वर्ष के बीच होगी।
प्रशिक्षण
- योजना अन्तर्गत ऋण स्वीकृति के पश्चात् उद्यमी के विकल्प पर उद्यमिता विकास प्रशिक्षण आवश्यक होने पर शासन के द्वारा दिया जावेगा। इस संबंध में पृथक से निर्देश जारी किये जाएंगे।
- उद्यमिता विकास कार्यक्रम में पूर्व प्रशिक्षित आवेदक को इस योजना अन्तर्गत पृथक से प्रशिक्षण प्राप्त करना आवश्यक नहीं होगा परन्तु आवश्यकता के आधार पर प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी।
जाति | लाभार्थी व्यक्ति का प्रकार | सरकार |
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