जानबूझकर हमारा बिल 155 यूनिट किया जा रहा है। मेरा उपभोग कम ही रहता है। गर्मियों में कूलर हमने खरीदा ही नहीं। खाना एक टाइम बनता है इलेक्ट्रॉनिक आइटम पर। बनता है तो बनाते हैं नहीं तो 10 दिन बाजार से मंगवाते हैं। दो ट्यूबलाइट जलती है रात में 10 बजे तक । दो बल्ब जलते हैं रात में। एक रूपये की राहत नहीं हमें। आम लोगों के लिए योजना नहीं है तो प्रचार भी नहीं करना चाहिए।
जानबूझकर हमारा बिल 155 यूनिट किया जा रहा है। मेरा उपभोग कम ही रहता है। गर्मियों में कूलर हमने खरीदा ही नहीं। खाना एक टाइम बनता है इलेक्ट्रॉनिक आइटम पर। बनता है तो बनाते हैं नहीं तो 10 दिन बाजार से मंगवाते हैं। दो ट्यूबलाइट जलती है रात में 10 बजे तक । दो बल्ब जलते हैं रात में। एक रूपये की राहत नहीं हमें। आम लोगों के लिए योजना नहीं है तो प्रचार भी नहीं करना चाहिए।