Highlights
- छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा पशुपालको से 2/- रूपये प्रति किलोग्राम की दर से गोबर क्रय किया जायेगा।
Website
Customer Care
- गोधन न्याय योजना हेल्पलाइन नंबर :- 07712221614.
- गोधन न्याय योजना हेल्पडेस्क ईमेल :- @email.
Information Brochure
योजना का अवलोकन | |
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योजना का नाम | गोधन न्याय योजना। |
आरंभ होने की तिथि | 20 जुलाई 2020 |
लाभ | सरकार द्वारा 2 रूपये प्रति किलो की दर से गोबर खरीदा जायेगा। |
आवेदन का तरीका | गौठान समिति के द्वारा। |
नोडल एजेंसी | छत्तीसगढ़ जनसम्पर्क संचानालय। |
योजना के बारे मे
- गोधन न्याय योजना छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा शुरू की गयी योजना है।
- इस योजना का प्रारम्भ 20 जुलाई 2020 को हुआ था।
- पूरे देश में ये अपने आप में पहली ऐसी योजना है जिसमे सरकार द्वारा गोबर खरीद कर पशुपालको की आय में वृद्धि की जायगी।
- इस योजना से आर्थिक रूप से कमज़ोर पशुपालको का आर्थिक रूप से लाभान्वित करना।
- खरीदे हुवे गोबर से जैविक वर्मी कम्पोस्ट खाद बनाई जायगी।
- इसी खाद को मामूली दरों पर किसानो को बेचकर जैविक खाद के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जायेगा।
- इस योजना के अंतर्गत हर पंचायत में गौठान का निर्माण किया जायेगा।
- इन्ही गौठानों में अन्य आवारा पशुओं की रहने खाने और चिकित्सा की सुविधा का इंतेज़ाम किया जायेगा।
- खाद बनाने हेतु हर गौठान में वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण किया जायेगा।
- हर वर्मी कम्पोस्ट मनरेगा के तहत बनाया जायेगा।
- इन्ही वर्मी कम्पोस्ट में जैविक खाद बनाइ जायगी।
- खाद स्वसहायता समूह की महिलाओं द्वारा बनाया जायेगा।
- इस योजना से रोज़गार के कई अवसर उत्पन्न होंगे।
- बनाई गयी खाद को सहकारी समितियों द्वारा पैक कर मामूली दरों पर किसानो को बेचा जायेगा।
उद्देश्य
- पशुपालको की आय में वृद्धि करना।
- पशुधन के खुले चरने पर रोक लगाना।
- रोज़गार के नए अवसरों का निर्माण करना।
- गोपालन एवं गोसुरक्षा को बढ़ावा देना।
- रासनायिक उर्वरक का उपयोग कम कर जैविक खाद के उपयोग को बढ़ावा देना।
- जैविक खाद को आसानी से स्थानीय स्तर पर उपलब्ध कराना।
- जितने भी स्थानीय स्व समूह है उनको रोज़गार के अवसर देना।
- भूमि की उर्वरता में सुधार करना।
योजना के अंतर्गत मिलने वाले लाभ
- गौवंशीय एवं भैंसवंशीय पशुपालको के पशुओं का गोबर सरकार द्वारा 2/- रूपये प्रति किलो की दर से क्रय किया जायगा।
पात्रतायें
- पशुपालक छत्तीसगढ़ का निवासी होना चाहिए।
- पशुपालक की आयु 18 वर्ष से ऊपर होनी चाहिए।
- गोबर संग्राहक के पास आधार कार्ड होना अनिवार्य है।
- गोबर संग्राहक का खुद का बैंक खाता होना चाहिए।
- गोबर संग्राहक के पास पहचान पत्र होना चाहिए।
- गोबर संग्राहक के पास मोबाइल नंबर हो।
- गोबर संग्राहक को अपने पशुओं की संख्या दर्ज़ करनी अनिवार्य है।
लाभ लेने के लिए आवश्यक दस्तावेज
- आधार कार्ड।
- बैंक पासबुक की प्रति।
- पहचान पत्र।
- स्थायी निवास प्रमाण पत्र।
पंजीकरण की प्रक्रिया
- प्रत्येक पशुपालक का निकाय स्तरीय पंजीकरण किया जायेगा।
- आवेदन करने हेतु निर्धारित प्रारूप में ही आवेदन पत्र जमा करना होगा।
- आवेदन जमा करने के लिए निम्न जगाहों पर काउंटर बनाएं जायँगे :-
- एस एल आर एम सेंटर।
- कम्पोस्ट शेड।
- वार्ड कार्यालय।
- गौठान में।
- आवेदन में निम्न जानकारी अनिवार्य रूप से भरी जायगी :-
- पशुपालक का नाम।
- पशुओं की संख्या।
- उत्सर्जित गोबर की मात्रा।
- सब जानकारी की सत्यता जांचने के बाद योजना के वार्ड प्रभारी द्वारा पशुपालक का पंजीकरण कर दिया जायेगा।
- योजना के अन्तर्गत सर्वे के उपरांत प्रत्येक पशुओं के गले में मवेशी के मालिक का नाम, पता, मोबाइल नंबर, की पट्टिका बाँधी जायगी।
- अगर कोई भी पशु खुले में घूमता पाया गया तो इसकी समस्त ज़िम्मेदारी पशुपालक की होगी।
योजना की दरें
गोबर खरीद की दर | 2 रूपये प्रति किलो |
वर्मी कम्पोस्ट की बिक्री दर | 10 रूपये प्रति किलो |
सुपर कम्पोस्ट की बिक्री दर | 6 रूपये प्रति किलो |
सुपर कम्पोस्ट प्लस की बिक्री दर | 6.50 रूपये प्रति किलो |
गोबर क्रय एवं भुगतान प्रक्रिया
- पशुपालको से गौठान समितियों द्वारा गोबर क्रय किया जायेगा।
- जिस पंचायत के अंतर्गत गौठान समिति होगी, समिति द्वारा सिर्फ उसी पंचायत का गोबर क्रय किया जायेगा।
- गौठान में शासन द्वारा निर्धारित दर पर ही गोवंशीय एवं भैंसवंशीय पशुओं के पालक से गोबर का क्रय किया जायेगा।
- फ़िलहाल शासन द्वारा गोबर क्रय का मूल्य 2/- रूपये प्रति किलोग्राम की दर से खरीदने का फैसला किया है।
- गोबर अर्धठोस प्रकृति का होना चाहिए जिसे हाथ में उठाया जा सके।
- गोबर में किसी भी प्रकार की प्लास्टिक, कांच, मिटटी नहीं होनी चाहिए।
- गोबर क्रय का विवरण 2 प्रतियों में रखा जायेगा।
- गोबर क्रय पत्र पर पशुपालक के हस्ताक्षर होना अनिवार्य है।
- योजना के तहत सिर्फ गोबर ही लिया जायेगा, गोबर से बना कोई भी उत्पाद जैसे कंडा को क्रय करना इस योजना के अंतर्गत शामिल नहीं है।
- गोबर क्रय करने के पश्चात राशि का भुगतान पशुपालको को 15 दिन के भीतर समिति द्वारा कर दिया जायेगा।
- गोबर क्रय की राशि पशुपालको के खातों में ट्रांसफर की जाएगी।
योजना के महत्वपूर्ण बिंदु
- छत्तीसगढ़ के किसानो की फसलों को आवारा पशुओं द्वारा बहुत नुकसान पहुँचाया जाता था।
- फसल को आवारा पशुओं से बचने के लिए रात रात भर फसलों पर पहरा देना पढ़ता था।
- इन्ही आवारा पशुओं को सुरक्षित स्थान पर रखने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा सभी 11000 ग्राम पंचायत में 3 से 5 एकड़ की भूमि आवंटित की है।
- इन आवंटित भूमि पर पशुं के रहने, खाने, चिकित्सा आदि का इंतेज़ाम किया जायेगा।
- इन्ही स्थानों को गौठान कहा जाता है।
- पूरे छत्तीसगढ़ राज्य में ऐसे 7 हज़ार से अधिक गौठान बना दिए गए है।
- इन्ही गौठान की समितियों द्वारा पशुपालको से गोबर खरीदा जायगा।
- ख़रीदे हुवे गोबर से जैविक खाद वर्मी कम्पोस्ट में बनाई जाती है।
- सभी वर्मी कम्पोस्ट मनरेगा के अंतर्गत बनाये गए है।
- गौठान में क्रय किये हुवे गोबर से जैविक खाद स्वसहायता समूह की महिलाओं के द्वारा बनाया जायेगा।
- गौठान को चलाने में, क्रय किये हुवे गोबर से जैविक खाद बनाने में स्वसहायता समूह की महिलाओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
- जैविक खाद बनाने के अलावा स्वसहायता समूह की महिलाओं ने साग सब्जियां उगाकर, क्रय किये हुवे गोबर से कंडे, गोकाष्ठ , दिए, गमले बनाकर अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
- गोबर से वर्म कम्पोस्ट खाद बनाने के लिए कृषि विभाग के प्रशिक्षित अधिकारीयों द्वारा महलाओं एवं गौठान समिति के सदस्यों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है।
- गौठान समिति में अन्य सदस्यो के अलावा चरवाहों को भी शामिल किया गया है।
- प्रदेश के गौठानों में गौधन न्याय योजना के अंतर्गत जैविक खाद बनाने के अलावा मशरूम उत्पादन, कुक्कुट उत्पादन, मछली पालन, बकरी पालन, राइस मिल , कोदो कुटकी, और भी अन्य गतिविधियों के माध्यम से हज़ारो लोगो को रोज़गार दिया गया है।
- गौठान समितियों एवं स्वसहायता समूहों द्वारा जो भी लाभ होगा वो 25:75 के अनुपात में साझा किया जायेगा।
- पंजीकृत पशुपालको को इस योजना के अंतर्गत निर्धारित परर्रूप में कार्ड का वितरण किया जायेगा।
- गोबर खरीद की समस्त जानकारी कार्ड एवं पंजी में दर्ज की जाएगी।
- गौठानों से किसान द्वारा सीधा वर्म कम्पोस्ट क्रय नहीं किया जायेगा।
- वर्मी कम्पोस्ट का वितरण सहकारी समितियों द्वारा किया जायेगा।
- खाद केवल 2 किलोग्राम, 5 किलोग्राम, एवं 30 किलोग्राम के पॉली बैग की पैकिंग में ही उपलब्ध होगा।
योजना की उपलब्धि
स्वीकृत गौठान (पशु शेड) | 10,622 |
पंजीकृत पशुपालक | 3,10,073 |
लाभार्थी पशुपालक | 2,11,540 |
गोबर की खरीद | 70.36 लाख क्विंटल। |
वितरित राशि | 140.71 करोड़ रूपये। |
योजना के अंतर्गत कुल वितरित राशि | 250 करोड़ रूपये। |
योजना का सारांश
- गौधन न्याय योजना के अंतर्गत अभी तक :-
- 7 लाख 17 हज़ार 839 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन किया है।
- 5 लाख 12 हज़ार 309 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट की बिक्री हुई है।
- 3 लाख क्विंटल से अधिक सुपर कम्पोस्ट का उत्पादन किया है।
- 1 लाख 25 हज़ार क्विंटल सुपर कम्पोस्ट की बिक्री हुई है।
- 90 हज़ार पक्के टांके स्वीकृत हुवे।
- 79 हज़ार 232 टांको का निर्माण पूरा हुवा।
- 9 हज़ार 211 महिला समूह रोज़गार गतिविधियों से जुड़ी।
महत्वपूर्ण आवेदन पत्र
महत्वपूर्ण लिंक
सम्पर्क करने का विवरण
- गोधन न्याय योजना हेल्पलाइन नंबर :- 07712221614.
- गोधन न्याय योजना हेल्पडेस्क ईमेल :- @email.
- छत्तीसगढ़ जनसंपर्क,
छोटापारा, वार्ड नं.-46
रायपुर, छत्तीसगढ़
पिन: 492001
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Comments
Nice initiative
suna tha chattisgarh ki…
ghr se gobar uthaynge ya hme…
hmare gaon me godhan nyay…
2 mahine se amount pending…
me raipur se hu. pr mere…
gau mutra bhi bik rha hai?
payment due. please release
gow mutra ka rate
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gayen ka mutra bhi bikta hai
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Gobar
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