Chief Minister Trader Accident Insurance Scheme

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Submitted by shahrukh on Thu, 02/05/2024 - 13:14
Uttar Pradesh CM
Highlights
  • मुख्यमंत्री व्यापारी दुर्घटना बीमा योजना के तहत निम्नलिखित लाभ देय होगा :-
    • दुर्घटना में मृत्यु हो जाने की दशा में 10 लाख रूपये।
    • हत्या हो जाने की दशा में 10 लाख रूपये।
    • पूर्ण स्थायी विकलांगता होने जाने पर 10 लाख रूपये।
    • आंशिक विकलांगता हो जाने की दशा में विकलांगता प्रतिशत के अनुसार।
Customer Care
  • मुख्यमंत्री व्यापारी दुर्घटना बीमा योजना हेल्पलाइन नंबर :- 18001805223.
  • वाणिज्य कर उत्तर प्रदेश हेल्पलाइन नंबर :-
    • 0552 2721944.
    • 0522 2721153.
    • 0522 2721140.
  • वाणिज्य कर उत्तर प्रदेश फैक्स नंबर:- 0522 2721167.
  • वाणिज्य कर उत्तर प्रदेश हेल्पलाइन ई-मेल :- cthelplinehqlu-up@nic.in.

योजना का अवलोकन

योजना का नाम मुख्यमंत्री व्यापारी दुर्घटना बीमा योजना।
आरंभ होने की तिथि अगस्त 2000.
लाभार्थी उत्तर प्रदेश में पंजीकृत व्यापारी।
लाभ
  • दुर्घटना में मृत्यु / हत्या या पूर्ण स्थायी विकलांगता होने पर 10 लाख रुपए की सहायता।
  • आंशिक विकलांगता होने पर, विकलांगता प्रतिशत के आधार पर सहायता।
बीमित धन राशि 10 लाख।
बीमा योजना की अवधि 1 साल।
क्रियान्वयन एजेंसी राज्य कर विभाग,उत्तर प्रदेश।
आवेदन का तरीका ऑनलाइन / ऑफलाइन।

योजन के बारे में

  • मुख्यमंत्री व्यापारी दुर्घटना बीमा योजना उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा व्यापारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए शुरू की गयी है।
  • इस योजना की शरुआत अगस्त 2000 से वाणिज्य कर विभाग द्वारा की गई है।
  • इस योजना का उद्देश्य व्यापारीयों को दुर्घटना के कारण होने वाली मृत्यु या स्थायी अपंगता की स्थिति में आर्थिक सहायता प्रदान करना है।
  • इस योजना के तहत व्यापारी की दुर्घटना / मृत्यु होने पर परिवार को अधिकतम 10 लाख रुपए तक की आर्थिक सहायता मिल सकेगी।
  • इस योजना के तहत उत्तर प्रदेश वाणिज्य कर विभाग में पंजीकृत व्यापारी इस योजना का लाभ ले सकेंगे।
  • यह योजना वाणिज्य कर विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा संचालित की जाएगी।
  • व्यापारी का बीमा, बीमा कम्पनी में वाणिज्य कर विभाग द्वारा कराया जायेगा।
  • दावा प्रपत्र खण्डाधिकारी/ ज्वाइन्ट कमिशनर वाणिज्य कर के कार्यालय तथा राज्य कर विभाग, उत्तर प्रदेश की वेबसाइट पर उपलब्ध है।
  • बीमा की राशि प्राप्त करने के लिए सम्बंधित व्यापारी / परिवार सदस्य को दावा प्रपत्र वाणिज्य कर के कार्यालय में ऑनलाइन / ऑफलाइन जमा करना होगा।
  • दावा प्रपत्र ऑनलाइन जमा करने के लिए राज्य कर विभाग की वेबसाइटपर जाना होगा।
  • बीमित व्यापारी की दुर्घटना होने पर व्यापारी / उत्तराधिकारी।/ लाभार्थी, ऑफलाइन दावा प्रपत्र सम्बन्धित ज्वाइन्ट कमिशनर, वाणिज्य कर विभाग में जमा कर, इसके माध्यम से बीमा कंपनी में अपना दावा पेश करेंगे।
  • व्यापारियों के सम्बन्ध में प्रत्येक व्यापारी का बीमा नहीं कराया जायेगा बल्कि फर्म को अधिकार दिया गया है, की वो अपनी फर्म के एक व्यक्ति को नामित करे जिसकी दुर्घटना होने पर बीमा धनराशि देय होगी।
    • एकाधिकार वाली फर्म में :- फर्म का मालिक
    • पार्टनरशिप फर्म में :- कोई भी साझीदार
    • कंपनी की दशा में :- मुख्य कार्यवाही अधिकारी (CEO)
    • संयुक्त हिन्दु परिवार :- संयुक्त हिन्दु परिवार का कर्ता
    • उचित आवेदन करने के एक माह के अंदर बीमित राशि का भुगतान बीमा कंपनी को करना होगा।
  • यदि कोई व्यक्ति एक से ज्यादा फर्म में बीमित व्यक्ति के रूप में है, तो भुगतान केवल एक ही प्रकरण मानते हुए किया जायेगा, न की फर्म की संख्या के आधार पर।
  • बीमा कम्पनी द्वारा दावा अस्वीकृत किये जाने पर, कम्पनी दावे के बिन्दुओ का पूरा उल्लेख करते हुए विस्तृत सूचना कमिश्नर ,वाणिज्य कर विभाग को 15 दिनों में अनिवार्य रूप से भेजेगी।
  • यदि बीमा कम्पनी दावे के एक माह तक बिना कोई कारण बताये, भुगतान नहीं करती, तो ऐसी दशा में बीमा कंपनी को दंड स्वरुप 14 % ब्याज का भुगतान करना होगा।
  • लाभार्थी को उचित माध्यम से लाभ प्राप्त कराया जायेगा अथवा सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में बीमा धनराशि का भुगतान किया जायेगा।

योजना के तहत लाभ

योजना के तहत नॉमिनी/उत्तराधिकारी /स्वयं व्यापारी को योजना द्वारा निम्नलिखित आर्थिक सहायता का लाभ मिलेगा :-

दुर्घटना से मृत्यु / हत्या / पूर्ण स्थायी विकलांगता की दशा में
  • परिवार के दावेदार को 10 लाख रुपए की सहायता प्रदान की जायेगी।
दुर्घटना से आंशिक स्थायी विकलांगता की दशा में
  • आंशिक स्थायी विकलांगता की दशा में व्यापारी को मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा प्रदत्त विकलांगता प्रतिशत के आधार पर सहायता प्रदान की जायेगी।
    (उदहारण: विकलांगता प्रतिशत 5% होने पर बीमित राशि का 5% सहायता राशि के रूप में व्यापारी को प्रदान किया जायेगा। )
  • दावेदार अतिरिक्त सुविधा (शव के परिवहन व्यय आदि ) हेतु प्रार्थना-पत्र एवं व्यय की रसीद दावा फॉर्म के साथ संलगन कर सकते हैं।

योजना का लाभ कौन से व्यापारी ले सकेंगे

  • राज्य कर विभाग में पंजीकृत समस्त व्यापारी इस योजना का लाभ ले सकते है।
  • व्यक्तिगत स्वामित्व वाली फर्मो में फर्म के प्रोप्राइटर को बीमा धारक माना जायेगा।
  • संयुक्त हिन्दू परिवार के फर्म मामले में संयुक्त हिन्दू परिवार का कर्ता बीमा धारक माना जायेगा।
  • कम्पनी के मामले में उसके मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO)को बीमा धारक माना जायेगा।
  • साझीदारी फर्मो के मामले में किसी एक साझीदार को बीमा धारक माना जायेगा।

पात्रताये

  • व्यापारी उत्तरप्रदेश का स्थायी निवासी होना चाहिए।
  • व्यापारी के पास पहचान प्रमाण पत्र एवं पैन कार्ड होना चाहिए।
  • व्यापारी की मृत्यु प्राकृतिक नहीं होनी चाहिए।
  • व्यापारी दुर्घटना के समय मुख्यमंत्री व्यापारी दुर्घटना बीमा योजना में पंजीकृत होना चाहिए।

आवेदन कैसे करें

ऑनलाइन आवेदन
  • दावेदार को वाणिज्य कर विभाग, उत्तर प्रदेश की वेबसाइट पर आवेदन करना होगा।
  • वेबसाइट के मुख्य पृष्ठ पर महत्वपूर्ण लिंक्स के अंदर दुर्घटना बीमा योजना पर क्लिक करना होगा।
  • आवेदक मुख़्यमंत्री व्यापारी दुर्घटना बीमा योजना के पेज पर पहुँच जायेगा।
  • दावेदार को अपना मोबाइल नंबर डालकर OTP कन्फर्म करना होगा, सबमिट पर क्लिक करने पर आवेदन फॉर्म खुल जायेगा।
  • दावेदार को निम्न विवरण आवेदन पत्र में भरना होगा :-
    • नाम।
    • पता।
    • जन्म तिथि।
    • फर्म का नाम।
    • पैन नंबर।
    • वाणिज्य कर रजिस्ट्रेशन नंबर।
    • दुर्घटना की तिथि।
    • स्थान।
    • दुर्घटना का विवरण। इलाज का विवरण।
    • मृत्यु की दिनांक।
    • मृत्यु का कारण।
    • नामित व्यक्ति का विवरण।
    • अस्पताल का प्रमाण पत्र।
    • राशन कार्ड संख्या।
    • परिवार आई.डी.।
    • मोबाइल नंबर।
  • अब विवरण की जाँच कर रजिस्ट्रेशन सेव करे, सेव होने पर संलग्न अपलोड करे ।
  • अपने आवेदन को फाइनल सबमिट करे।
  • दावेदार को स्क्रीन पर रिफरेन्स नंबर दिखाई देगा, इसे नोट कर ले आवेदन की स्थिति जानने के लिये।
ऑफलाइन आवेदन
  • बीमित व्यापारी की दुर्घटना होने पर व्यापारी / उत्तराधिकारी।/ लाभार्थी, ऑफलाइन दावा प्रपत्र सम्बन्धित ज्वाइन्ट कमिशनर, वाणिज्य कर
    विभाग में जमा कर , इसके माध्यम से बीमा कंपनी में अपना दावा पेश करेंगे।
  • दावा प्रपत्र खण्डाधिकारी/ ज्वाइन्ट कमिशनर वाणिज्य कर के कार्यालय तथा विभागीय वेबसाइट www.comtax.up.nic.in पर उपलब्ध है।
  • दावेदार दावा प्रपत्र को पूरा भरकर, हस्ताक्षरित कर और साथ में जरुरी दस्तावेज़ के साथ वाणिज्य कर विभाग में जमा करायेंगे।

दावे की प्रक्रिया

  • पंजीकृत व्यापारी/ दावेदार का जमा किया गया फॉर्म सबसे पहले सहायक आयुक्त के पास भेजा जायेगा।
  • सहायक आयुक्त आवेदन सही पाने पर आगे संयुक्त कमिश्नर को सबमिट कर देंगे। फॉर्म मान्य न होने पर अस्वीकार कर दिया जायेगा या पूरा विवरण न होने पर दुबारा क्वेरी के लिए व्यापारी के पास भेजा जायेगा।
  • संयुक्त कमिश्नर फॉर्म की जाँच कर, विवरण को सही पाने अपर आयुक्त को भेजेंगे।
  • फॉर्म का पूर्ण विवरण न होने पर दुबारा क्वेरी के लिए संयुक्त कमिश्नर के पास भेजा जायेगा।
  • अपर आयुक्त द्वारा जाँच के बाद उचित होने पर आवेदन को हेड ऑफिस भेजा जायेगा या उचित न हों पर वापस संयुक्त आयुक्त को भेजा जायेगा।
  • हेड ऑफिस आवेदन सही होने पर उसे पेमेंट के लिए संयुक्त आयुक्त को भेजेंगे या विवरण के लिए वापस हेड ऑफिस पहुंचेंगे।
  • संयुक्त आयुक्त फॉर्म को DDO (आहरण एवं वितरण अधिकारी) के पास भेजेंगे, जो सही निकलने पर व्यापारी को बीमाराशि प्रदान करेंगे या क्वेरी के लिए वापस संयुक्त आयुक्त को भेजेंगे।
  • DDO (आहरण एवं वितरण अधिकारी) लेनदेन का ब्यौरा भी रखेंगे।
  • बीमा योजना अवधि की समाप्ति के छ: माह के अन्दर दावा करने पर बीमा कम्पनी को दावे का भुगतान करना होगा।
  • छ: माह के बाद किये दावे पर कमिश्नर ,वाणिज्य कर, उत्तर प्रदेश का निर्णय मान्य होगा।

दावे के लिए जरुरी दस्तावेज/ लाभ लेने के लिए आवशयक दस्तावेज

  • दावेदार द्वारा क्लेम फॉर्म पूर्ण रूप से भरा हुआ और हस्ताक्षरित।
  • दावाकर्ता का प्रमाणित फोटो (छ: महीने से पुरानी ना  हो )।
  • बीमित व्यापारी का राशन कार्ड।
  • बीमित व्यापारी का मोबाइल नंबर।
  • बीमित व्यापारी की परिवार आई. डी.
  • बीमित व्यापारी की पूर्ण विकलांगता अथवा आंशिक विकलांगता की दशा में मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा प्रदत्त विकलांगता प्रमाण-पत्र।
  • मृत्यु होने पर बीमित व्यापारी के मृत्यु प्रमाण-पत्र की सत्यापित प्रति।
  • मृत्यु होने पर बीमित व्यापारी के पोस्टमार्टम की सत्यापित प्रति।
  • दुर्घटना की रिपोर्ट/एफ.आई.आर की सत्यापित प्रति।
  • बीमित व्यापारी का वाणिज्य कर पंजीयन प्रमाण-पत्र की सत्यापित प्रति।
  • व्यापारी / दावेदार/उत्तराधिकारी के राष्ट्रीयकृत बैंक खाता संख्या एवं IFSC कोड पूर्ण विवरण सहित।
  • व्यापारी / दावेदार/उत्तराधिकारी का पहचान पत्र एवं पैन कार्ड की प्रति।

योजना में नामित किये जाने वाले व्यक्तियों की सूची

दुर्घटना में मृत्यु / हत्या की दशा में
  • सहायता व्यापारी के पति या पत्नी को दी जायेगी।
  • यदि दो या दो से ज्यादा पत्निया जीवित है, तो उनमें धनराशि बराबर हिस्सों में बाँट दी जायेगी।
  • जहाँ पति/ पत्नी जीवित न हो, तो सक्षम न्यायालय द्वारा जारी उत्तराधिकारी प्रमाण-पत्र के आधार पर भुगतान किया जायेगा ।
  • अविवाहित व्यापारी के पिता को, पिता के जीवित न होने पर माता को, दोनों पिता/माता के जीवित न होने पर सक्षम न्यायालय द्वारा जारी उत्तराधिकारी प्रमाण-पत्र के आधार पर भुगतान किया जायेगा।
  • यदि एक समय पर एक से अधिक साझीदार एक साथ मरते है अथवा विकलांग होते हैं, तो बीमित धनराशि बराबर- बराबर बांटी जायेगी।
पूर्ण एवं आंशिक स्थायी विकलांगता की दशा में
  • सम्बन्धित व्यापारी को योजना से सहायता मिलेगी।

महत्वपूर्ण आवेदन पत्र

महत्वपूर्ण लिंक

संपर्क करने का विवरण

  • मुख्यमंत्री व्यापारी दुर्घटना बीमा योजना हेल्पलाइन नंबर :- 18001805223.
  • वाणिज्य कर उत्तर प्रदेश हेल्पलाइन नंबर :-
    • 0552 2721944.
    • 0522 2721153.
    • 0522 2721140.
  • वाणिज्य कर उत्तर प्रदेश फैक्स नंबर:- 0522 2721167.
  • वाणिज्य कर उत्तर प्रदेश हेल्पलाइन ई-मेल :- cthelplinehqlu-up@nic.in.
  • आयुक्त कार्यालय, वाणिज्य कर उत्तर प्रदेश,
    वाणिज्य कर मुख्यालाय,
    विभूति खंड, गोमती नगर,
    लखनऊ - 226010.

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