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পার্মালিঙ্ক

মন্তব্য

अधिकतर सरकारी योजनाओं का लाभ उन लाभार्थियों को नहीं मिलता, जिनके वो हकदार हैं। इनके निम्नलिखित कारण हैं:
1. अनपढ़ होना: जहाँ पढ़े-लिखे teachers से स्कूल में हस्ताक्षर किसी और रकम पर और वास्तविक वेतन कुछ और ही दी जाती है; जहाँ विभिन्न योजनाओं में दी जा रही सब्सिडी के 40% तक संबंधित विभागों के अधिकारियों के हिस्से में चले जाते हों, आलम ये है जबतक लाभार्थी 40% नकद प्रस्तुत नहीं कर देते, उनके अकाउंट में सब्सिडी की रकम पहुँचती नहीं। किसान समृद्धि योजनाओं की भी लगभग यही प्रक्रिया है। वहीं विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत लाभार्थी अधिकतर ऐसे वर्ग से आते हैं जिन्हें सम्पूर्ण जानकारी नहीं होगी बस उनको इतना पता होगा या दी जायेगी कि उन्हें कुछ रुपये सरकारी योजना के अंतर्गत दी जा रही है। यहाँ तक कि इन्हें हस्ताक्षर भी नहीं करना आता ।
सरकारी योजनाओं के सही कार्यान्वयन केलिए कुछ विशेष प्रारुप और अनुसंधान की जरूरत है। किसी खास वर्ग विशेष दलों NCC, NSS, Scouts, NGO या स्वेच्छा से training ले Certified आर्मी गुणवत्तापूर्ण दल जो विश्वकर्मा योजना के लाभार्थियों की निःस्वार्थ सम्पूर्ण मदद कर सके; तभी ईमानदार लक्ष्य की प्राप्ति सम्भव है।

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