स्वामित्व योजना

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द्वारा प्रस्तुत shahrukh on Thu, 22/08/2024 - 17:17
केन्द्रीय सरकार CM
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हाइलाइट
  • योजना के तहत लाभार्थियों को निम्न लाभ दिए जाएगे:-
    • लोगों को संपत्ति का अधिकार प्रदान करना।
    • लाभार्थी आबादी भूमि पर ऋण ले सकता है।
    • अधिकृत भूमि धारकों को संपत्ति कार्ड दिया जाएगा।
ग्राहक देखभाल फ़ोन नंबर
  • स्वामित्व योजना हेल्पडेस्क ईमेल:- karnika.kaushik@nic.in
  • नोडल लोक शिकायत अधिकारी संपर्क नंबर:- 011-23725302
  • नोडल लोक शिकायत अधिकारी ईमेल:- bahera.bk@nic.in
योजना का अवलोकन
योजना का नाम स्वामित्व योजना।
आरम्भ वर्ष 24 अप्रैल 2020
लाभ
  • लोगों को संपत्ति का अधिकार प्रदान करना।
  • व्यक्ति आबादी भूमि पर ऋण ले सकता है।
  • अधिकृत भूमि धारकों के लिए संपत्ति कार्ड।
पोर्टल स्वामित्व योजना ऑनलाइन पोर्टल।
नोडल मंत्रालय पंचायती राज मंत्रालय।

योजना के बारे में

  • केंद्र सरकार ने 24 अप्रैल 2020 राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर 'स्वामित्व योजना' की शुरुआत की।
  • योजना की शुरुआत गाँव में रहने वाले ग्रामीण लोगो के विकास के लिए की गयी है।
  • इस योजना को शुरू करने के पीछे सरकार का मुख्य उद्देश्य गाँव में रहने वाले लोगो को उनकी जमीन का संपत्ति अधिकार/स्वामित्व प्रदान करना है।
  • लोग कई वर्षो से बिना अपनी जमीन के रिकॉर्ड के वहां पर रह रहे है।
  • इस योजना के तहत उन्हें 'रिकॉर्ड ऑफ़ राइट्स' प्रदान करके आत्मनिर्भर बनाएगी।
  • स्वामित्व योजना की टैग लाइन "मेरी संपत्ति मेरा हक़" है।
  • स्वामित्व योजना के तहत ग्रामीण लोगों को संपत्ति के अधिकारों का डिजिटल रिकॉर्ड रखने में सहायता मिलेगी।
  • यह योजना 24 अप्रैल 2020 को आरंभिक परियोजना के रूप में आंध्र प्रदेश, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड राज्यों के में लागू की गयी।
  • इस योजना के अंतर्गत ग्रामीणों को संपत्ति कार्ड दिए जाते है, जिसके माध्यम से उन्हें वित्तीय संस्थानों से ऋण प्राप्त करने में आसानी होगी।
  • पंचायती राज मंत्रालय इस योजना का नोडल मंत्रालय है और योजना का कार्यान्वित 'राज्य पंचायती राज विभाग' द्वारा भारतीय सर्वेक्षण एवं राज्य राजस्व विभाग के साथ मिलकर किया जाता है।
  • ग्रामीण भारतीय गांवों का मानचित्रण उन्नत तकनीक और ड्रोन के माध्यम से किया जाता है ताकि सही से भूमि के डेटा का पता लगाया सके और उसे सही से दर्ज कर सके।
  • आरंभिक परियोजना-I की सफलता को देखते हुए बचे हुए गाँव और राज्यों में योजना को दूसरे चरण (अप्रैल 2021- मार्च 2025) के रूप में लागू किया जायगा।

योजना के लाभ

  • योजना के तहत भूमिधारकों को विशिष्ट संपत्ति आईडी प्रदान किया जाएगा।
  • संपत्ति कार्ड के माध्यम से ग्रामीण लोगो को सुरक्षा और वित्तीय स्थिरता मिल पाएगी।
  • इसके माध्यम से गाँव में भूमि को लेके होने वाले विवादों को कम किया जा सकेगा।
  • योजना के तहत कई महिलाओं को भी 'रिकार्ड्स ऑफ़ राइट्स' का लाभ मिलेगा।
  • भूमि का डाटा आधार कार्ड से लिंक किया जाएगा। संपत्ति कार्ड को डिजिलॉकर के साथ लिंक किया जाएगा।
  • योजना के तहत बहुमंजिला इमारतों के लिए भी संपत्ति कार्ड दिया जाएगा।
  • इसके माध्यम से लोग को वित्तीय संस्थानों से ऋण प्राप्त करने में आसानी होगी।
  • विभिन्न विभाग ग्रामीण योजना और विकास के लिए अपनी आवश्यकताओं के अनुसार मैपिंग डेटा का उपयोग कर सकते हैं।
  • सर्वेक्षण अवसंरचना और भौगोलिक सूचना प्रणाली के निर्माण को निम्नलिखित उद्देश्य के लिए भी उपयोग कर सकते है:-
    • आपदा प्रबंधन और आपातकालीन प्रतिक्रिया।
    • परिवहन क्षेत्र।
    • विद्युत क्षेत्र।
    • सिंचाई।
    • कृषि।
    • निर्माण एवं योजना।
    • भूमि की नाप।
    • सटीक संपत्ति प्रबंधन।
    • भूमि उपयोग परिवर्तन।
    • मशीन मार्गदर्शन।
    • डेटा संग्रहण।
    • अंतरिक्ष-विज्ञान।
  • राज्य सरकार इसके माध्यम से सरकार की संपत्ति का पता लगा सकती है और उसे अतिक्रमण से बचा है।
  • संपत्ति कर माध्यम से राज्य सरकार ग्राम पंचायत को सशक्त बनाने में सहायता करेगी।
  • राजस्व विभाग के द्वारा जरुरत पड़ने पर मूल डेटाबेस में बदलाव किये जा सकते है।

आवेदन करने के लिए आवश्यक दस्तावेज

  • आधार कार्ड।
  • मोबाइल नंबर।
  • भूमि रिकॉर्ड (यदि कोई हो)।

स्वामित्व योजना के कार्यान्वयन की प्रक्रिया

  • कॉन्टिनियस रिफरेन्स ऑपरेटिंग सिस्टम (CORS) नेटवर्क की स्थापना:-
    • भारतीय सर्वेक्षण विभाग CORS नेटवर्क स्टेशनों की स्थापना करेगा।
    • रियल टाइम किनेमेटिक (RTK) पोजिशनिंग को उपग्रह आधारित पोजिशनिंग सिस्टम से प्राप्त डेटा की सटीकता के लिए उपयोग किया जाएगा।
  • प्रारंभिक गतिविधियाँ:-
    • राज्य पंचायती राज विभाग सर्वेक्षण की जानकारी और जागरूकता फ़ैलाने के लिए ग्राम सभा का आयोजन करेंगे।
    • आबादी वाले क्षेत्रों का पता करने के लिए पटवारी को गाँव का नक्शा दिया जायगा।
    • राज्य राजस्व के अधिकारी, ग्राम पंचायत के अधिकारी और संपत्ति के मालिकों द्वारा क्षेत्रों की पहचान की जायगी और उसके बाद सर्वेक्षण किए जाने वाले क्षेत्र की पहचान करने के लिए चुन्ना के साथ संपत्ति की सीमाओं को चिह्नित करेंगे।
    • राज्य राजस्व विभाग द्वारा भारत सर्वेक्षण को निवासियों के मानचित्र की स्कैन प्रति प्रस्तुत की जाएगी।
    • भारत सर्वेक्षण उपलब्ध नक्शो के माध्यम से ड्रोन उड़ान योजना बनाएगा।
  • नियंत्रण एवं जांच बिंदु की स्थापना करना:-
    • भारत सर्वेक्षण द्वारा जमीनी नियंत्रण बिंदु की स्थापना की जाएगी, उसके जगह ,विवरण, आईडी और समन्वय के बारे में भौगोलिक सूचना प्रणाली (GIS) और पोजिशनिंग सिस्टम में रिकॉर्ड रखा जाएगा।
  • ड्रोन उड़ान और डेटा अधिग्रहण:-
    • गाँव के बड़े पैमाने पर मानचित्रण के लिए व्यावसायिक सर्वेक्षण ग्रेड ड्रोन से हवाई चित्र लिए जाएगे।
    • ड्रोन के माध्यम से चित्रों का रिज़ॉल्यूशन अच्छा रहता है, जिसके माध्यम से लोग अपने घर की पहचान आसानी से कर सकते है।
  • सर्वेक्षण के बाद डेटा प्रसंस्करण:-
    • ड्रोन सर्वेक्षण से जो तस्वीरें ली गयी थी उसके माध्यम से भारत सर्वेक्षण द्वारा डेटा तैयार किया जायगा।
    • सर्वेक्षण विभाग द्वारा डिजिटल स्थानिक पुस्तकालय का निर्माण किया जाएगा, जिसमे सभी राज्य द्वारा दिए गए भूमि का डेटा उपलब्ध होगा।
    • राज्य सरकार द्वारा जो डेटा दिया गया होगा उसका विस्तार में वर्णन और भूमि से जुड़ी सभी जरुरी जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी।
  • डेटा का मान्यकरण और सत्यापन:-
    • भूमि से सम्बंधित डेटा का मान्यकरण और सत्यापन भारत सर्वेक्षण और राज्य राजस्व विभाग के द्वारा किया जाएगा।
    • नक्शे और सीमाओं का बाद में सुधार किया जाएगा और रिकार्ड्स ऑफ़ राइट भारत सर्वेक्षण द्वारा तैयार किया जाएगा।
  • पूछताछ और विवाद समाधान:-
    • स्वामित्व के लिए पूछताछ प्रक्रिया ग्राम सभा, भूस्वामी और मौजूदा भूमि दस्तावेज की मदद से सर्वेक्षण अधिकारियो द्वारा पूर्ण की जायगी।
    • राज्य राज्स्व विभाग 15 दिनों के अंदर दर्ज किये गए दावों और आपत्ति के लिए संपत्ति धारकों को अधिसूचना जारी करेगा और सर्वेक्षण के बाद संपत्ति मालिकों की कोई भी शिकायत हो उसका समाधान करेंगे।
    • जिन शिकायतों का समाधान नहीं हुआ होगा तो उनका समाधान राज्य राजस्व कानून के अनुसार जिला मजिस्ट्रेट/कलेक्टर/सक्षम प्राधिकारी करेंगे।
  • अंतिम मानचित्र/डिजिटल डेटा का सृजन:-
    • 1:500 स्केल पर हार्ड कॉपी मानचित्र पीडीएफ कॉपी के साथ बनाए जाएंगे।
    • लैंड पार्सल मैप को स्थानिक और पाठ्य डेटा के साथ भारत सर्वेक्षण द्वारा तैयार किया जाएगा।
    • 1:500 स्केल पर जीआईएस (भौगोलिक सूचना प्रणाली) डेटाबेस तैयार किया जाएगा।
  • संपत्ति कार्ड का सृजन:-
    • राज्य राजस्व विभाग के द्वारा संपत्ति कार्ड तैयार किये जाएगे और गाँव में बाँट दिए जाएगे।
  • राज्य के संपत्ति कर और संपत्ति रजिस्टर का अद्यतनीकरण:-
    • ग्राम पंचायत संपत्ति कर और संपत्ति रजिस्टर अद्यतनीकरण करेगी।

महत्वपूर्ण लिंक

सम्पर्क करने का विवरण

  • स्वामित्व योजना हेल्पडेस्क ईमेल:- karnika.kaushik@nic.in
  • नोडल लोक शिकायत अधिकारी संपर्क नंबर:- 011-23725302
  • नोडल लोक शिकायत अधिकारी ईमेल:- bahera.bk@nic.in
  • कार्यालय का पता:- पंचायती राज मंत्रालय, भारत सरकार,
    ग्यारहवीं मंजिल, जे.पी. बिल्डिंग,
    कस्तूरबा गांधी मार्ग, कनॉट प्लेस,
    नई दिल्ली-110001

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